नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच शनिवार को हुई वार्ता में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी और 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी और हसीना के बीच वार्ता के प्रमुख परिणामों में तीस्ता नदी के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए एक बड़ी परियोजना के वास्ते भारत द्वारा एक तकनीकी दल को शीघ्र ही बांग्लादेश भेजना, एक व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ना और रक्षा संबंधों को बढ़ावा देना शामिल है। बांग्लादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण पर बातचीत के लिए एक भारतीय तकनीकी दल को भेजने का निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नई दिल्ली की आपत्तियों के बावजूद अनुमानित एक अरब अमेरिकी डॉलर की इस परियोजना पर चीन की नजर थी। हसीना के अगले महीने चीन की यात्रा पर जाने की उम्मीद है। भारत और बांग्लादेश ने अपने संबंधों में बढ़ती प्रगाढ़ता को प्रतिबिंबित करते हुए रिश्तों में परिवर्तनकारी सहयोग को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए एक ैभविष्यवादी दृष्टिकोणै को भी मजबूत किया। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने डिजिटल क्षेत्र, समुद्री क्षेत्र, समुद्री अर्थव्यवस्था, रेलवे, अंतरिक्ष, हरित प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच वार्ता का मुख्य जोर डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी में भारत-बांग्लादेश सहयोग को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना था। साथ ही दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच सीमाओं के शांतिपूर्ण प्रबंधन की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। हसीना शुक्रवार को यहां पहुंची थीं और मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की द्विपक्षीय यात्रा करने वाली वह पहली विदेशी नेता बन गईं। मोदी ने वार्ता के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पक्ष एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा, ैहमारे आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दोनों पक्ष सीईपीए (व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते) पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं। मोदी ने कहा कि तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन पर बातचीत के लिए एक भारतीय तकनीकी दल जल्द ही ढाका की यात्रा करेगा। उन्होंने कहा, भारत और बांग्लादेश को 54 साझा नदियां जोड़ती हैं। हम बाढ़ प्रबंधन, पूर्व चेतावनी, पेयजल परियोजनाओं में सहयोग कर रहे हैं। हमने 1996 की गंगा जल संधि के नवीनीकरण के लिए तकनीकी स्तर पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है।
इस बीच, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि साझा जल संसाधनों का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा, स्वाभाविक रूप से, बांग्लादेश के साथ हमारे घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को देखते हुए सीमा पार नदी के मुद्दे – और तीस्ता उनमें से एक है – महत्वपूर्ण हो जाते हैं।ै
उन्होंने कहा, इसका जल-बंटवारे से कम संबंध है, यह तीस्ता नदी के भीतर जल प्रवाह के प्रबंधन के बारे में अधिक है। मोदी ने अपनी टिप्पणी में लोगों के बीच आपसी संपर्क को दोनों देशों के बीच संबंधों का आधार बताया और कहा कि बांग्लादेश से इलाज के लिए भारत आने वाले लोगों के लिए भारत एक ई-मेडिकल वीजा सुविधा शुरू करेगा।
भारत ने रंगपुर में एक नया सहायक उच्चायोग खोलने का भी फैसला किया है। मोदी ने कहा, आज हमने नए क्षेत्रों में सहयोग के लिए भविष्य की दृष्टि तैयार की। दोनों देशों के युवाओं को हरित भागीदारी, डिजिटल भागीदारी, समुद्री अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति से लाभ होगा। उन्होंने कहा, हमने अपना ध्यान कनेक्टिविटी, वाणिज्य और सहयोग पर केंद्रित रखा है। पिछले दस वर्षों में हमने 1965 से पहले की कनेक्टिविटी को बहाल किया है। अब हम डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी पर अधिक जोर देंगे।
दोनों पक्षों ने संबंधों को बढ़ाने और भारत के विकसित भारत 2047 लक्ष्य को स्मार्ट बांग्लादेश 2041 दृष्टि के साथ जोड़ने के लिए भविष्य के लिए भारत-बांग्लादेश साझा दृष्टिकोण: साझा समृद्धि के लिए बेहतर कनेक्टिविटी, वाणिज्य और सहयोगै नामक एक संयुक्त दस्तावेज को भी अंतिम रूप दिया।
वार्ता में मोदी और हसीना ने रक्षा उत्पादन और बांग्लादेशी सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया तथा आतंकवाद एवं कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। मोदी ने कहा, ैहमने रक्षा उत्पादन से लेकर सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण तक रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने कहा, हमने आतंकवाद से निपटने, कट्टरपंथ से मुक्ति और सीमाओं के शांतिपूर्ण प्रबंधन पर अपने जुड़ाव को मजबूत करने का फैसला किया है।
