नई दिल्ली। भारी उद्योग मंत्रालय नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा जारी करने के लिए एक या दो महीने में हितधारकों के साथ दूसरे दौर की बैठक करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति टेस्ला जैसे वैश्विक वाहन विनिर्माताओं को भारत में विनिर्माण शुरू करने को आकर्षित करने के लिए तैयार की गई है। अधिकारी ने कहा कि नीति के तहत प्रोत्साहन का लाभ लेने के इच्छुक वाहन विनिर्माताओं को नए मानदंडों के अनुसार नए सिरे से निवेश करना होगा और पुराने निवेश पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह बात वियतनाम की इलेक्ट्िरक कार विनिर्माता विनफास्ट को बताई गई है, जिसने इस साल फरवरी में कहा था कि वह पांच साल में तमिलनाडु में 50 करोड़ डॉलर (4,000 करोड़ रुपए) का निवेश करेगी। सरकार ने 15 मार्च, 2024 को भारत में इलेक्ट्िरक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) को मंजूरी दी थी। हितधारकों की पहली बैठक अप्रैल में हुई थी, जिसमें टेस्ला का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सलाहकार – द एशिया ग्रुप (टीएजी) – ने भी भाग लिया था। अधिकारी ने बताया, हमें बहुत सारे अभ्यावेदन मिले हैं। हमने उनका अध्ययन किया है। इसलिए शायद एक या दो महीने में हमारी दूसरी परामर्श बैठक हो सकती है। हमे दिशानिर्देश जारी करना है। अधिकारी ने कहा कि सरकार दिशानिर्देशों का मसौदा बनाएगी और उन्हें संभावित आवेदकों के बीच वितरित किया जाएगा और फिर से एक परामर्श बैठक बुलाएंगे।
यह पूछने पर कि क्या टेस्ला को दूसरी सलाहकार बैठक के लिए आमंत्रित किया जाएगा, उन्होंने कहा, हम सभी को आमंत्रित करेंगे, जो भी आना चाहता है उसका स्वागत है। उन्होंने कहा कि एसपीएमईपीसीआई के तहत पात्र कंपनियां कम शुल्क पर आयात कर सकती हैं, बशर्ते उन्हें नई निवेश परियोजनाओं में 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करना होगा।
