नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की ओर से निर्वाचन आयोग की आलोचना को अपनी आसन्न हार को छिपाने की चाल करार देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिल रहे सकारात्मक जनादेश की बदौलत ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को विपक्ष शासित राज्यों में बड़ी जीत मिलेगी। शाह ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने किसी भी प्रकार का धर्म आधारित कोई प्रचार अभियान नहीं चलाया है। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुसलमानों के आरक्षण के खिलाफ प्रचार करना और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने तथा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए मतदाताओं तक पहुंचना अगर धर्म आधारित चुनाव अभियान है तो भाजपा ने यह किया है और आगे भी करती रहेगी।
उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और मतदान के आंकड़ों जैसे मुद्दों पर विपक्ष द्वारा की जा रही निर्वाचन आयोग की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश सहित पिछले विधानसभा चुनावों में इसी तरह के प्रोटोकॉल और प्रथाओं का पालन किया गया था और इन चुनावों में भाजपा हार गई थी। उन्होंने कहा, अगर वे चुनाव निष्पक्ष थे तो यह चुनाव भी निष्पक्ष है। जब आप हार देखते हैं तो आप पहले ही रोना शुरु कर देते हो और विदेश जाने के बहाने ढूंढते हो। यह और आगे नहीं चल सकता। इनको 6 तारीख को छुट्टी पर जाना है तो कुछ ना कुछ तो बोलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के बारे में कांग्रेस के सवाल उठाने का उद्देश्य राहुल गांधी की विफलता को ढंकना है। शाह ने कहा कि चुनाव से पहले आयोग द्वारा बुलाई गई पारंपरिक सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दल ने ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया था। उन्होंने कहा, जब भी विपक्ष चुनाव हारता है तो ईवीएम पर सवाल उठाता है। ईवीएम में धांधली की शून्य संभावना है और वह ऐसा चुनाव चाहते हैं जिसमें धांधली हो सके। अबकी बार, 400 पार के नारे के पीछे कोई रणनीति होने के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के मुख्य रणनीतिकार ने चुनाव के छह चरण पूरे होने के बाद कहा कि यह दावा महज चुनावी नारा नहीं है बल्कि एक सुविचारित लक्ष्य है। उन्होंने कहा, हम निश्चित रूप से 400 सीटों का आंकड़ा पार करेंगे। हम ओडिशा, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में भी सरकार बनाएंगे। इन तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ ही हुए हैं। शाह ने कहा, अब हमें 399 सीट आएं और आप कहो कि 400 तो नहीं हुआ तो यह आपकी समझ का सवाल है। मगर हमने 400 पार हिसाब किताब करके बोला है और यह सुविचारित राय से किया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी मोदी पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है और क्या विपक्ष के अपेक्षाकृत कमजोर होने के कारण उसके गठबंधन को फायदा हो रहा है, इस पर पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह नकारात्मक नहीं बल्कि सकारात्मक वोट है जो सत्तारूढ़ गठबंधन को मिल रहा है।
उन्होंने कहा, मोदी जी ने भाजपा की विचारधारा को जमीन पर उतारा। जैसे अंत्योदय, गरीब कल्याण। यह हमारी विचारधारा है। अनुच्छेद 370 को समाप्त करना, देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करना, महिला आरक्षण या राम मंदिर निर्माण हमारी विचारधारा है। पाक के कब्जे वाला कश्मीर हमारा है और इसका हमने संकल्प लिया है…तो मोदी जी ने भाजपा की विचारधारा को जमीन पर उतारा है। मोदी जी की लोकप्रियता स्वाभाविक रूप से भाजपा की मजबूती बनती है।
उन्होंने कहा, मोदी जी हमारे सबसे बड़े नेता हैं। और यह कोई नकारात्मक वोट नहीं है। यह बात मानकर चलिए यह सकारात्मक वोट है। जहां हम सरकार में है वहां भी हमें जनादेश मिलने वाला है और जहां नहीं है वहां बड़ा जनादेश मिलने जा रहा है। तो एक प्रकार से यह केंद्र सरकार के कामों का सकारात्मक जनादेश है।
