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एनएचआरसी ने बहुराष्ट्रीय कंपनी में श्रमिक विरोधी चलन को लेकर केंद्र को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हरियाणा के मानेसर में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के गोदाम में कथित तौर पर श्रमिक विरोधी गतिविधियों को लेकर केंद्र को नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। आयोग ने कहा कि एक प्रकाशित समाचार की सामग्री अगर सही है तो यह श्रम कानूनों तथा केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और श्रमिकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि उसने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें कहा गया है कि हरियाणा के मानेसर में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के गोदाम में 24 वर्षीय एक कर्मचारी को शपथ दिलाई गई कि अपनी टीम के 30 मिनट के चाय ब्रेक के बाद, जब तक वे 24 फुट लंबे छह ट्रकों से सारे सामान नहीं उतार लेते, तब तक शौचालय या पानी के लिए ब्रेक नहीं लेंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया कि मानेसर गोदाम में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने कथित तौर पर कहा कि कार्यस्थल पर शौचालय की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। मानवाधिकार आयोग ने कहा कि भारत के श्रमिक संगठनों ने मानेसर और उसके आसपास के पांच गोदामों पर कारखाना अधिनियम, 1948 के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। आयोग ने कहा कि श्रम निरीक्षक इसमें सुधार की मांग कर सकते हैं, लेकिन इसका क्रियान्वयन सीमित है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि सरकार श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास कर रही है। नोटिस में कहा गया है, श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का उचित भुगतान सुनिश्चित करने के अलावा, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। इसमें सुरक्षित कार्य वातावरण, खतरनाक कार्य स्थितियों में सुरक्षा उपकरण, चिकित्सा बीमा और नियोक्ताओं द्वारा श्रमिकों की मुफ्त वार्षिक स्वास्थ्य जांच शामिल है।ै देश के विकास और श्रमिकों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में श्रमेव जयते योजना शुरू की गई थी। इसके साथ ही मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम, 2017 भी लागू हुआ, जिसके तहत सवेतन मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया।
समाचार रिपोर्ट के अनुसार सप्ताह में पांच दिन दस घंटे काम करने वाले और 10,088 रुपए प्रति माह कमाने वाले एक कर्मचारी ने कहा कि अगर वे 30 मिनट के भोजन और चाय ब्रेक सहित बिना ब्रेक के लगातार काम करते हैं, तो भी वे प्रतिदिन चार से अधिक ट्रक से सामान नहीं उतार सकते। बयान में खबर के हवाले से कहा गया है कि एक महिला कर्मचारी ने दावा किया कि वह रोजाना नौ घंटे खड़ी रहती है और उसे ड्यूटी के दौरान प्रति घंटे 60 छोटे उत्पादों या 40 मध्यम आकार के उत्पादों की जांच करनी पड़ती है। इसमें कहा गया है कि रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस बहुराष्ट्रीय कंपनी पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं।

Kapil Kumar
Author: Kapil Kumar

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