दुबई। ईरान के उत्तर-पश्चिम स्थित पहाड़ी क्षेत्र में खराब मौसम की वजह से हुए हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री और अन्य लोग दुर्घटनास्थल पर मृत पाए गए। देश की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब पश्चिम एशिया इजराइल-हमास युद्ध के कारण अशांत है। इस युद्ध के दौरान 63 वर्षीय रईसी ने सर्वाेच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में पिछले महीने इजराइल पर अभूतपूर्व तरीके से ड्रोन और मिसाइल से हमला किया था। रईसी के कार्यकाल के दौरान, ईरान ने करीब करीब हथियार-स्तर के यूरेनियम का संवर्धन किया। इसकी वजह से ईरान का पश्चिम के साथ तनाव और बढ़ गया क्योंकि तेहरान ने यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को बम ले जाने वाले ड्रोन भी दिए और पूरे क्षेत्र में मिलिशिया समूहों को हथियारों से लैस किया। ईरान को खराब अर्थव्यवस्था और महिला अधिकारों को लेकर उसके शिया धर्मतंत्र के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन का सामना भी करना पड़ा है जिसके मद्देनजर इस हादसे के परिणाम तेहरान और देश के भविष्य के लिए कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं। ईरान के सर्वाेच्च नेता ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो जाने के कुछ घंटों बाद प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया है।
सरकारी टीवी ने पूर्वी अजरबैजान प्रांत में हुए इस हादसे का कोई कारण अभी नहीं बताया है। रईसी हादसे के समय ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में यात्रा कर रहे थे। उसने बताया कि इस हादसे में रईसी के साथ जिन लोगों के शव मिले हैं, उनमें ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन (60) भी शामिल हैं। सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए की खबर के अनुसार, रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री अमीराब्दुल्लाहियन, ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर एवं अन्य अधिकारी और अंगरक्षक भी यात्रा कर रहे थे। तुर्किए के प्राधिकारियों ने सोमवार की सुबह ड्रोन से ली एक फुटेज जारी की जिसमें जंगल में आग लगी दिखाई दी। उन्होंने इसके हेलीकॉप्टर का मलबा होने का संदेह जताया। उन्होंने एक दुर्गम पहाड़ी पर अजरबैजान-ईरान सीमा से करीब 20 किलोमीटर दक्षिण में यह आग लगी होने की जानकारी दी।
आईआरएनए द्वारा सोमवार को सुबह जारी फुटेज में दुर्घटनास्थल को एक हरित पर्वतीय क्षेत्र में एक दुर्गम घाटी बताया गया। स्थानीय अजेरी भाषा में सैनिकों को यह बोलते सुना गया, यह वही है, हमने इसे ढूंढ लिया है। ईरान द्वारा रईसी के निधन की पुष्टि किए जाने के बाद कि दुर्घटना में कोई भी जीवित नहीं बचा है, पड़ोसियों और सहयोगियों की ओर से शोक संदेश आने शुरू हो गए।
पाकिस्तान ने रईसी के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि देश दुख की इस घड़ी में ईरान के साथ खड़ा है। मिस्र और जॉर्डन के नेताओं ने भी रईसी के निधन पर शोक जताई है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल अशद ने भी ईरान के राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीएव ने कहा कि वह और उनकी सरकार इस हादसे से गहरे सदमे में हैं। रईसी रविवार को अलीएव के साथ एक बांध का उद्घाटन करने के लिए अजरबैजान के साथ ईरान की सीमा की यात्रा करने के बाद लौट रहे थे।
ईरान के संविधान के तहत, यदि राष्ट्रपति का निधन हो जाता है तो ईरान का प्रथम उपराष्ट्रपति पदभार संभालता है और 50 दिन के भीतर नया राष्ट्रपति चुनाव कराया जाएगा। खामनेई ने सोमवार को रईसी के निधन पर सोमवार को जारी शोक संदेश में देश में पांच दिनों का राजकीय शोक घोषित किया और मोखबर को कार्यवाहर राष्ट्रपति घोषित किया। सरकारी मीडिया ने बताया कि रईसी की अनुपस्थिति में मोखबर को पहले ही अधिकारियों और विदेशी सरकारों ने संपर्क करना शुरू कर दिया है।
सरकारी मीडिया द्वारा रईसी के निधन की घोषणा के बाद ईरान के मंत्रिमंडल की सोमवार को आपात बैठक हुई। बैठक के बाद जारी बयान में मंत्रिमंडल ने शपथ ली कि वह रईसी के रास्ते का अनुसरण करेगी और अल्लाह एवं जनता की मदद से देश की व्यवस्था को बनाए रखने में कोई समस्या नहीं आएगी। पूर्व में देश की न्यायपालिका का नेतृत्व कर चुके कट्टरपंथी रईसी (63) को खामेनेई के शिष्य के रूप में देखा जाता था और कुछ विश्लेषकों का कहना था कि खामेनेई के निधन या इस्तीफे के बाद वह 85 वर्षीय नेता की जगह ले सकते थे। रईसी की मृत्यु के बाद, अब तक केवल एक ही व्यक्ति के बारे में माना जा रहा है कि वह शीर्ष नेतृत्व संभाल सकते हैं और वह है सर्वाेच्च नेता के 55 वर्षीय पुत्र मोजतबा खामेनेई। हालांकि, कुछ ने आशंका जताई है क्योंकि 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद केवल परिवार के केवल तीन लोगों ने ही इस पद को ग्रहण किया है। रईसी ने 2021 में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था। उस दौरान ईरान के इतिहास में अब तक का सबसे कम मतदान हुआ था। अमेरिका ने ईरान-इराक युद्ध के अंत में 1988 में हजारों राजनीतिक कैदियों की सामूहिक फांसी में शामिल होने के कारण रईसी पर प्रतिबंध लगा दिया था। रईसी दूसरे राष्ट्रपति हैं जिनकी मौत इस पद पर रहते हुई है। इससे पहले 1981 में राष्ट्रपति मोहम्मद अली राजाई की बम धमाके में मौत हो गई थी।
